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Saturday, July 02, 2011

GANGA SAFAAYI ABHIYAAN.....'HORI KHADAA BAZAAR MEN'[8]

गंगा हमारी सर्वाधिक पवित्र  नदी और  सभ्यता तथा संस्कृति की आधारशिला है |इसे भगीरथ तब लाये जब उनके पुरखे मर खप कर
बिना तरे  नरक में पड़े थे |भगवान् शंकर को रिझाया ,मनाया , फुसलाया , हिमालय में  तपस्या की  , ब्रहम्मा को खुश किया ,तब कहीं कमंडल से बाहर निकलीं |
                                           इतनी मान मनौवल से , इतने नखरों से
गंगा जी भारत में आयीं थीं , तभी भगीरथ और  गंगा जी में गाँठ
शुरुआत से  ही पड़  गयी थी जो भगीरथ  के वंशजों के समय कलयुग
आते ,आते  बहुत बड़ी हो गयी  |गंगा ने हमारे पुरखों को तो तार दिया , लेकिन गंगा जी को  तारने का हमारा काम  उसके बाद शुरू
हुआ जो आज तक बदस्तूर जारी है  |
                                           करोड़ों भारतवासी , एक बेचारी गंगा ,
तारते, तारते खुद तरी जा रही है  |सतयुग में हमारी संख्या कम थी ,पर 
अब  कलियुग में  हम १२५ करोड़ से  अधिक तो  देश मेंही हैं ,बाकी अनिवाशी
भारतीय , सब मिलकर पूरी ताकत से  गंगा  सफाई के झांसे में गंगा
को रख कर गंगा मैया की महिमा गाते हैं  ,आरती करते हैं ,पूजा
करते हैं |अब  हमारी पूजा में तो कोई खोट है नहीं , जो गंगा जी पुजते ,पुजते  पतली हुयी  जा  रही  हैं  , हम भारतीयों के प्यार तले
पीली हुयी  जा रही हैं  |
                                               हम  भारतीय  सफाई का सही अर्थ लगाते हैं , हमने कहावत बना रखी  हैं ....'हाथ की सफाई ','जेब की सफाई 'वही  , ठीक वही  तो हम  कर  रहे हैं  , गंगा की सफाई |हमारे
पितामह भीष्म हुए ,उनकी प्रतिज्ञां  के  हम सदियों से कायल हैं ,
हमने भीष्म प्रतिज्ञां  की  प्रतिज्ञां  की  है , हम गंगा की सफाई करके
मानेंगे ,पूर्ण सफाई  |इतिहास गवाह है ...हमने सरश्वती नदी की भी
पूर्ण सफाई  की  है  , सरस्वती की महिमा  हमी ने गाई ,अब गंगा महिमा सम्पूर्ण वेग से गा रहे हैं , जब तक गंगा मैया रहेंगी ,हम
गायेंगे |हम सच्चे सपूत हैं  |
                                      हमने गंगा पर बड़े ,बड़े शोध किये , कहा कि उसके पानी में कीड़े नहीं पड़ते , बक्तीरिया नहीं पड़ते ,इसी लिए
हम नाले ,नाली क्या परिवार ,समाज की सारी  गंदगी उसमें निश्चिंत हो कर डालते रहते हैं भला गंगा कभी मैली होगी ?ज़िंदा तो ज़िंदा
मुर्दे भी अपनी गंदगी उसी में  डालते  हैं  ,जिन्दे ,मुर्दे दोनों नहाते हैं |
हम भारतीय सच्चे सपूतों की तरह मां  की गोद में रहते हैं |
                                         हम गंगा सफाई  अभियान चलाये जा रहे हैं और तब तक चलाते रहेंगे , जब तक गंगा  में पानी रहेगा ,गंगा मैया रहेंगी |गंगा जी की पवित्रता की सौगंध हम देश का सारा पैसा
उनकी सफाई  में  लगा देंगे ,जब तक हमारे हाथों की सफाई में दम है , ताकत है |आखिर गंगा हमारी मां है , उनके प्रसाद से हमारा
जीते जी और मरने के बाद उद्धार होगा |
                                              हम गंदगी भी डालेंगे और  सफाई भी करेंगे |गंगा कभी गन्दी नहीं होतीं |वह सबको तारती हैं ,मुर्दों ,नालों
नालियों सभी को |दुनिया की सबसे पवित्र नदी ,फिर हम सफाई का
भी तो ख्याल रखते हैं  , अरबों रूपये पानी की तरह  बहाते हैं |मां बेटा एक दूजे पर आश्रित ,इसी को तो कहते हैं  .....अन्न्योंन्याश्रित
सम्बन्ध |
                                'होरी' आज कुम्भ के मेलों  में  खडा है ,गंगा के किनारे लगने वाली बाज़ारों में खडा है ... गंगा के किनारे खड़े , खड़े 
देख रहा है गंगा जी को साफ़ होते ,सरस्वती  जी की तरह |
                                                  राज कुमार सचान 'होरी' 

1 comment:

  1. apne sahi kaha hamlog ganga ki safai haath ki safai ,je ki safai ki tarah he karte hai...... mamla kewal ganga ka nahi hai,har nadi apneaap me ek jeewanrekha hai aur hanlog he inka gala ghot rahe hai.
    ab horiji aap he batai kya yahi vikash hai?

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