होरी कहिन
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१--
घर घर टीवी सीरियल ,खड़ी करें दीवार ।
घर वालों से है नहीं , बस इनसे ही प्यार ।।
बस इनसे ही प्यार , कहानी कैसी कैसी ?
घर घर यही सीरियल करते, ऐसी तैसी ।।
आदर ,स्नेह ,प्यार घर के ,सब गये बिखर।
होरी इन्हीं सीरियल से ,पीड़ित घर घर ।।
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२--
हिन्दू होना नर्क है , पाक बांग्लादेश ।
अल्पसंख्यकों के लिये ,कैसा है संदेश।।
कैसा है संदेश ,कहो भारत क्या करता ?
अल्पसंख्यकों हेतु चुप ,क्यों भारत रहता ।।
भारत पाक वार्ता में ,यह बिन्दु उठाओ ।
अल्पसंख्यकों हेतु,अरे कुछ सबक़ सिखाओ।।
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राजकुमार सचान होरी
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