आज लोकपाल भारत के शरीर में उतनी ही मात्रा में व्याप्त हो गया है जितना कि भ्रष्ट्राचार या कि जितना प्रदूषण | जितनी बार हम सब लोकपाल का नाम ले रहे हैं ,अगर भगवान् का लेते तो सीधे वोह आते और पुष्पक विमान में हमें सादर बैठा कर स्वर्ग ले गए होते |किस्सा यह कि अब तक सारा देश स्वर्ग आरोही हो गया होता |लोकपाल पता नहीं क्या कर पायेगा , हाँ , भगवान् जरूर उद्धार कर देता |
लोकपाल क्या है , कैसे आएगा ? कहाँ से आएगा ?कितना आयेगा ? किस पर आएगा ? उसके आने जाने के राश्ते क्या होंगे ? एक ही होंगे , की अलग अलग ?जितने मुंह उतनी बातें , पता किसी को नहीं पर तुर्रा यह कि जानते सभी |
मैंने सोचा, चलो बाज़ार की हालात का जायजा ही लिया जाय |एक खाजूरिवाल टाईप विशेसग्य से पूछा | वोह बोले ....'लोकपाल' का मतलब नहीं जानते होरी जी' ,मुंह ऐसा बनाया ,जैसे की मुझ पर तरस खा रहे हों , फिर तैस में बोले ....'सरल भाषा में समझो ,लोकपाल का मतलब ठोकपाल, जिसे जब कहें , ठोंक दे , यहाँ तक कि प्रधानमंत्री को भी |वोह पूर्ण स्वतंत्र होगा ठोंकायी में , जितना चाहे , जब चाहे ठोंके |ठोंकने का उसका अपना इस्टाईल होगा |
एक सज्जन घूमते घामते और मिल गए ,साथ में उनका बेटा भी |मैंने जिज्ञासा की 'क्या बाप बेटे साथ ही रहते हैं ?बोले 'जन्म से साथ ही हैं ,साथ तो साथ , अगर अपोसीट भी होतें हैं ,तब भी साथ साथ | महाभारत काल से यही ध्रुव सत्य है |मैंने वही प्रश्न किया ....'लोकपाल क्या है ? वे बाप ,बेटे एक साथ ,एक स्वर में बोले ' लोकपाल का सीधा अर्थ है ..भोंकपाल , वोह जब ,जिस पर चाहे भोंके |थोड़ा ,थोड़ा भोंके या जम कर भोंके |रात को भोंके ,दिन को भोंके या दिन रात भोंके |भोंकना और काटना उसका जन्म सिद्ध अधिकार होगा |
एक सज्जन और टकरा गए , वोह कन्ने उड़ाने में लगे थे , मैंने उनसे कन्नी काटनी चाही तो वोह मुझसे ही भन्ना गए ...बोले ... मुझसे कन्नी काट कर जाओगे कहाँ ?पूरे देश में मिलता हूँ |मेरे माफ़ी मागने पर खुश हो गए ,बोले होरी तुम क्या ,मुझसे तो पी एम ,सी एम सभी माफ़ी मागते रहते हैं |चलो माफ़ किया , पूछो क्या जानना चाहते हो ... ?मै बोला ..'लोकपाल का अर्थ क्या है ? वोह गांधी की तरह की मुद्रा बना कर बोले ..'रोकपाल, यह देश के सभी भ्रष्टाचार पर रोक लगा देगा ,इसलिए यह लोकपाल मतलब रोकपाल होगा | मैंने विस्तार से जानना चाहा तो अब वोह कन्नी काटने लगे , बोले हमारी सिविल सोसायटी ने जितना बताया है ,बोल दिया,इससे ज्यादा वही बताते हैं
वही बताएँगे
मैंने देश के हर खासो आम से हर ऐरा गैरा,नत्थुखैरा से लोकपाल का अर्थ पूछा , मतलब पूछा ........|किसी ने इसका अर्थ जोंकपाल बताते हुए समझाया ....यह एक जोंक होगा जो भ्रष्टाचार का खून पी जाएगा |किसी ने समझाया .....जो कुछ ज्यादा अनुभवी थे , बोले 'होरी जी यह धोक्पाल होगा , सब की तरह यह भी धोका देगा |किसी ने कहा .. यह झोंक्पाल होगा , सब कुछ झोंक में करेगा , जांच भी , जांच का समापन भी |
'होरी' बाज़ार का मोल भाव लेते हुए आगे बढ़ता रहा ....,बढ़ता रहा |
राज कुमार सचान 'होरी '
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