आज के भारतीय बाज़ार में चारों ओर बस एक ही ज़िंश [कमोडिटी] की मांग और बिक्री दोनों जोरों पर है ......"अनशन" | कीमत मुह देखी है |कहीं अरबों के स्विस डोलर के बराबर तो कहीं कौड़ी के मोल |
अन्ना टाईप के अनशन की कीमत बाज़ार में शेयर की तरह खूब उछली , देश के दुधमुंहों से लेकर श्मशान की ओर अग्रसर बुड्ढों तक ने इसका स्वाद लिया |इस अनशन में अकड़ इतनी . हर अनशनकारी अन्ना का भी अन्ना हुआ जा रहा था | मुझे इस दौर में अपने गाँव की खूब याद आती रही , जो जानवर खुला ,बेलगाम घूमते थे उन्हे भी इसी तरह का नाम दिया जाता था |जो भाई बंधू बुंदेलखंड की धरती को बिलांग करते होंगे वे इस तरह के प्राणियों से खूब परिचित होंगे.|छुट्टा फिरते हैं , किसी का खेत चर गए तो किसी के दरवाजे की हरियाली ही कुछ खाए , कुछ नोच गए |
बाज़ार में 'अन्ना' एक नैशनल ब्रांड बन गया | हर की जुबान पर इसी का श्वाद , किसी को खट्टा लगता था , तो किसी को मीठा , किसी को भयंकर कडुवा तो किसी को कसैला |आलम यह की अन्ना एक , स्वाद अनेक |अन्ना का स्वाद तो कुछ लोगों के लिए गूगे की मिठाई थी , खाते थे बता नहीं पाते थे |
होरी ने ही नहीं पुरे विश्व ने देखा , बाज़ार में अन्ना ब्रांड के उतार के बाद बाबा ब्रांड का चढ़ाव आया |इस ब्रांड ने गगन भेदी पहचान बनायी , गिनीस बुक वाले भी भारत की ओर दौड़े , पर बाबा ब्रांड में कुछ मिलावट के कारण ऐसा शेयर लुढका की , रात में पुलिस ने बहुत सम्भाला , पर भागते , भागते मिल ही गया | असल में बाबा ब्रांड एकदम से दाई ब्रांड बन गया |बाबा ब्रांड को लाठियों से DAR भला काहे का , मगर दाई ब्रांड डर गया. गिरते पड़ते , लुढ़कते चढ़ते हरिद्वार गया |बिचारे गिनीस बुक वाले ढेर , रिकार्ड करें तो क्या ?
कहावत के अनुसार ही बाबा ब्रांड भी घर का शेर था ,अपनी मांद में दहाड़ने लगा | एक नया प्रयोग अपने ही घर में अनशन , लेकिन बाबा , बाबा न रहा था , एक बार दाई बन चूका था सो अनशन में ढेर ,सारे योग ,प्राणायाम निरर्थक |वोह तो भला हो एक शंकर का जो ऐन वक्त पर आ गया , नहीं तो बाबा ब्रांड भूत का ब्रांड हो जाता|
आईये बाज़ार में सर्वे करें , अनशन के आज के भाव क्या हैं ,? बुल की रिपोर्ट के अनुसार इसमें जबरदस्त गिरावट आयी है , बाज़ार के विशेसग्यों की राय है की स्वतंत्रता दिवस के पश्चात एक बार फिर अनशन कमोडिटी में उछाल आएगा | तब तक होरी के साथ आप भी बाज़ार में खड़े रहिये |
राज कुमार सचान 'होरी'
अन्ना टाईप के अनशन की कीमत बाज़ार में शेयर की तरह खूब उछली , देश के दुधमुंहों से लेकर श्मशान की ओर अग्रसर बुड्ढों तक ने इसका स्वाद लिया |इस अनशन में अकड़ इतनी . हर अनशनकारी अन्ना का भी अन्ना हुआ जा रहा था | मुझे इस दौर में अपने गाँव की खूब याद आती रही , जो जानवर खुला ,बेलगाम घूमते थे उन्हे भी इसी तरह का नाम दिया जाता था |जो भाई बंधू बुंदेलखंड की धरती को बिलांग करते होंगे वे इस तरह के प्राणियों से खूब परिचित होंगे.|छुट्टा फिरते हैं , किसी का खेत चर गए तो किसी के दरवाजे की हरियाली ही कुछ खाए , कुछ नोच गए |
बाज़ार में 'अन्ना' एक नैशनल ब्रांड बन गया | हर की जुबान पर इसी का श्वाद , किसी को खट्टा लगता था , तो किसी को मीठा , किसी को भयंकर कडुवा तो किसी को कसैला |आलम यह की अन्ना एक , स्वाद अनेक |अन्ना का स्वाद तो कुछ लोगों के लिए गूगे की मिठाई थी , खाते थे बता नहीं पाते थे |
होरी ने ही नहीं पुरे विश्व ने देखा , बाज़ार में अन्ना ब्रांड के उतार के बाद बाबा ब्रांड का चढ़ाव आया |इस ब्रांड ने गगन भेदी पहचान बनायी , गिनीस बुक वाले भी भारत की ओर दौड़े , पर बाबा ब्रांड में कुछ मिलावट के कारण ऐसा शेयर लुढका की , रात में पुलिस ने बहुत सम्भाला , पर भागते , भागते मिल ही गया | असल में बाबा ब्रांड एकदम से दाई ब्रांड बन गया |बाबा ब्रांड को लाठियों से DAR भला काहे का , मगर दाई ब्रांड डर गया. गिरते पड़ते , लुढ़कते चढ़ते हरिद्वार गया |बिचारे गिनीस बुक वाले ढेर , रिकार्ड करें तो क्या ?
कहावत के अनुसार ही बाबा ब्रांड भी घर का शेर था ,अपनी मांद में दहाड़ने लगा | एक नया प्रयोग अपने ही घर में अनशन , लेकिन बाबा , बाबा न रहा था , एक बार दाई बन चूका था सो अनशन में ढेर ,सारे योग ,प्राणायाम निरर्थक |वोह तो भला हो एक शंकर का जो ऐन वक्त पर आ गया , नहीं तो बाबा ब्रांड भूत का ब्रांड हो जाता|
आईये बाज़ार में सर्वे करें , अनशन के आज के भाव क्या हैं ,? बुल की रिपोर्ट के अनुसार इसमें जबरदस्त गिरावट आयी है , बाज़ार के विशेसग्यों की राय है की स्वतंत्रता दिवस के पश्चात एक बार फिर अनशन कमोडिटी में उछाल आएगा | तब तक होरी के साथ आप भी बाज़ार में खड़े रहिये |
राज कुमार सचान 'होरी'
No comments:
Post a Comment