एक होता है पुरुष धर्म और दूसरा नारी धर्म |जो दोनों धर्मों से बराबर दूरी रखे उसे ही सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष कहेंगे ...बोलचाल की भाषा में उसे ही हिजड़ा कहेंगे , महाभारत की भाषा में उसे ही शिखंडी कहेंगे |
इन शिखंडियों से बड़े ,बड़े भीष्म हार मान गए ,हम आदमियों की क्या बिशात ? औरतें तो इनसे जन्मजात घबराती हैं , हाँ ,यह अलग बात है कि औरतें इनसे ही अदाएं सीखती हैं |आज की आधुनिक नारी इतनी किन्नरा गयी है कि असली किन्नर बगलें झाँकने लगे हैं |प्रतिक्रियास्वरूप वे हिंसक हो गए हैं |
ये हिंसक हिजड़े अपने शिकार की तलाश में ज्यादा हाथ , पाँव ही नहीं अपने हर अंग को मारने लगे हैं |अपने अंग , प्रत्यंगों को धार दार बना कर ,ज़बान की कैंची चला कर अपने प्रभुत्व को इतना स्थापित कर दिया ,कि मुम्बई नगर निगम ने तो इनके सारे समाज को ही नौकरी पर रख लिया ,लगा दिया करों की वसूली में , आज तक का रिकार्ड है करों की इतनी वसूली न पुरुष कर सके थे न नारियां |है न शिखंडी सेना सर्वशक्तिमान ||
ऐसी किन्नर सेना के चक्कर में नवाबों का नगर निगम पड़ गया ... उसने इनके उत्पीडन से नर , नारियों को बचाने का ठेका ले लिया ....फरमान जारी किया कि सभी शिखंडी सीमओ से सर्टिफिकेट लायेंगे , और यह कि पारिवारिक कार्यों में जबर्दश्ती वसूली नहीं करेंगे | किन्नर सेना भिड़ गयी |एक किन्नर बड़े अधिकारी से .....'तू , बनवा ले अपनी माँ का
सर्टिफिकेट |अपने बाप को समझा कि हमें रुपया न दे |हाय , हाय .
अपने माँ बाप पर कंट्रोल नहीं हम पर कंट्रोल करेंगे |हाय,हाय पेट पर लात मारते हैं पीठ पर मारने की दम नहीं मर्दुओं की ||कुछ किन्नर बहने , और कुछ हिजड़े भाई निगम में दिगंबर बनने की प्रक्रिया संपादित करने लगे ,कुछ अधिकारियों , कर्मचारियों के साथ
संयोग श्रृंगार में संचारी भाव ,तो कुछ व्यभिचारी भावों में लिप्त होने लगे |रस प्रवाह होता देख , मर्द टाईप के अधिकारी मैदान छोड़ कर भागे |विजयी किन्नर सेना भीश्मों को मारती अर्जुनों के रथ पर
सवार शहर में पहले से अधिक बल प्रयोग करती घूमने लगी |'होरी'
लखनऊ के बाज़ार में खडा सबकी खैर मांग रहा है |
दुआ कर रहा है कि इस सेना को पाक बार्डर
पर भेज दो ईश्वर |हमसे तो यही बहादुर हैं पाक को नापाक भी कर देंगे ,
हरा भी देंगे |
जय किन्नर , जय शिखंडी , जय हिंद |
राज कुमार सचान 'होरी'
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